सूतक और ग्रहण में क्या करें, क्या न करें?
चंद्रग्रहण 7 सितम्बर 2025

*महत्वपूर्ण निवेदन*
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विशेष सूचना – चंद्र ग्रहण (ब्लड मून) चल रहा है!
7th September ग्रहण के दौरान ब्लड मून को न देखें!!!
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*आज 7 सितम्बर को चंद्रग्रहण मंगल दशा में होने जा रहा है जिसका भारत सहित पूरे विश्व पर व्यापक प्रभाव होगा। ग्रहण का समय 070925 की रात्रि 8:58pm से 080925 के 1:26am तक है। इससे डरना घबराना नहीं है। यह एक खगोलीय घटना है, सिर्फ सतर्कता की आवश्यकता है।*
*चन्द्र ग्रहण के समय वायुमंडल में हानिकारक विकिरणों का वर्चस्व हो जाता है जिसका दुष्प्रभाव प्रकृति, जीव और प्रत्येक वस्तु पर पड़ता है और खाद्य पदार्थ उपभोग योग्य नहीं रहते। उस समय घर से बाहर न निकलें, चंद्र ग्रहण दर्शन की चेष्टा बिल्कुल न करें। घर मे शांत चित्त रहकर ॐ नमः शिवाय, ॐ चन्द्राय नमः का मानसिक जप करें और सकारात्मक सोच से समस्त जगत के कल्याण की प्रार्थना कीजिये।*
जप के लिए माला का प्रयोग न करके कर-माला से जप करें। इस समय में पूजा पाठ और उससे सम्बंधित चीजें वर्जित हैं। भगवान के मंदिर के पट भी बन्द रखते हैं।
घर मे यत्र तत्र गोबर के कंडे की छोटी टिकिया रखे, पाकिट में भी एक छोटी टिकिया रखकर वायुमंडल के सभी प्रकार के रेडिएशन से सुरक्षित रह सकते हैं।
*इस समय (1:30pm से ग्रहण समाप्ति तक) सूतक लगा हुआ है जिसमें अन्न जल अशुध्द हो जाता है।* अतः उपवास रखकर संयम का पालन करें। इससे आत्मिक बल मिलता है।
घर में गौजल (गौमूत्र) की बोटल को खुला रखकर छोड़ दें।
*एक ज्योतिषाचार्य के नाते मेरा सुझाव है कि सोसाइटी की पानी की टँकी में तुलसी वा दूर्वा के कुछ पत्र डाल दें ताकि जल उपयोग/प्रयोग योग्य शुध्द रहे। ग्रहण के पश्चात स्नान हेतु जल प्रवाह जारी रहें ताकि सब लोग गृह शुद्धि, शरीर शुद्धि और वास्तु शुद्धि कर सकें।*
*आप सबके लिए यह समय सुरक्षित और मंगलमय हो, यही प्रार्थना करते हैं।*
*घर पर रहें, सुरक्षित रहें, वाद विवाद से बचें और अपने जीवन के सुखद मधुर क्षणों का स्मरण कीजिये।*
*अच्छा लगे तो औरों के साथ भी शेयर करें ताकि उनका भी जीवन मंगलमय हो और आपको पुण्यफल प्राप्त हो।*
*ऋषिश्री डॉ वरदानन्द*
*आयुर्ज्योतिष आचार्य*
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इस विषय मे अधिक जानकारी के लिए स्टारमेकर पर हमारी पोस्ट का अनुकरण कर सकते हैंhttps://m.starmakerstudios.com/a-vue3/playrecording?app=sm&from_sid=13377325664&guide_type=2&pg_rf_ca_vn=20&pid=recordingsharing&recordingId=10414574259729283&share_type=whatsapp
महत्वपूर्ण नोट: ग्रहण की खगोलीय घटना के उथल पुथल से सृष्टि की रक्षा और सभी प्राणियों की सुरक्षा की प्रार्थना और स्वकल्याण की जप साधना के पुण्य कार्य के उपरांत यथासंभव यथाशक्ति दान पुण्य करना चाहिए। सबसे बड़ी दान सेवा गौ सेवा होती है और इस ग्रहण काल में कामधेनु रक्षा करती हैं, रेडिएशन इफेक्ट्स को सोखती है और उसके पदार्थ, दुग्ध, पनीर, घी, गौजल, गौमय, गौरस आदि सभी प्रकार की हानिकारक विकिरणों से न केवल रक्षा करते हैं अपितु ग्रहण के उपरांत दुष्प्रभाव को भी शांत कर पुनः सुख समृद्धि की राह प्रशस्त करते हैं। अतः गौमाता की हम पृथ्वी वासियों पर बड़ी कृपा है। इसलिए हमें गौसेवा में हरे चारे, चिकित्सा सुविधा, नई गौ खरीद, नव निर्माण, आदि हेतु अधिकाधिक दान सेवा कर गौशाला की सहायता करनी चाहिए।
होप नंदिनी गौशाला में सिर्फ देशी और गीर गायों की सेवा, रखरखाव और ईकोसिस्टम बनाया गया है जहाँ से हजारों परिवारों को A2 स्वस्थ मिल्क, वर्जिन पनीर, सात्विक घृतम आदि उपलब्ध कराया जाता है। आप भी इससे जुड़कर स्वास्थ्य लाभ ले सकते हैं। इसकी सदस्यता और दान सेवा हेतु QR code दिया गया है।