माँ की ममता पिता का प्यार

माँ की ममता पिता का प्यार, ऐसा परिवार होता है राम दरबार
समय निकालकर एक बार जरुर पढे ये कहानी बड़ी सुहानी
मां की ममता और पिता का अदृश्य प्यार तो अनमोल है
बेटे के जन्मदिन पर रात के 1:30 बजे फोन आता है, बेटा फोन उठाता है तो माँ बोलती है:- “जन्म दिन की हार्दिक बधाई लल्ला” बेटा गुस्सा हो जाता है और माँ से कहता है सुबह फोन करती इतनी रात को नींद खराब क्यों की? कह कर फोन रख देता है।
थोडी देर बाद पिता का फोन आता है। बेटा पिता पर गुस्सा नहीं करता बल्कि कहता है सुबह फोन करते, तब पिता ने कहा “मैनें तुम्हे इसलिए फोन किया है कि तुम्हारी माँ पागल है जो तुम्हे इतनी रात को फोन किया। वो तो आज से 25 साल पहले ही पागल हो गई थी। जब उसे डॉक्टर ने ऑपरेशन करने को कहा और उसने मना किया था। वो मरने के लिए तैयार हो गई पर ऑपरेशन नहीं करवाया। रात के 1:30 को तुम्हारा जन्म हुआ। शाम 6 बजे से रात 1:30 तक वो प्रसव पीड़ा से परेशान थी । लेकिन तुम्हारा जन्म होते ही वो सारी पीड़ा भूल गयी ।उसके ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा । तुम्हारे जन्म से पहले डॉक्टर ने दस्तखत करवाये थे कि अगर कुछ हो जाये तो हम जिम्मेदार नहीं होंगे। तुम्हे साल में एक दिन फोन किया तो तुम्हारी नींद खराब हो गई बेटा , मुझे तो रोज रात को 25 साल से रात के 1:30 बजे उठाती है और कहती है देखो हमारे लल्ला का जन्म इसी वक्त हुआ था। बस यही कहने के लिए तुम्हे फोन किया था।” इतना कहके पिता फोन रख देते हैं।
बेटा सुन्न हो जाता है। सुबह माँ के घर जा कर माँ के पैर पकड़कर माफी मांगता है तब माँ कहती है, देखो जी मेरा लाल आ गया। फिर पिता से माफी मांगता है तब पिता कहते हैं “आज तक ये कहती थी कि हमे कोई चिन्ता नहीं हमारी चिन्ता करने वाला हमारा लाल है, पर जब तुम चले जाते हो तो मैं तुम्हारी माँ से कहता हूँ कि चिन्ता मत करो। मैं तुम्हारा हमेशा की तरह आगे भी ध्यान रखुंगा। तब माँ कहती है माफ कर दो बेटा है,
सारा मानव समाज जानता हैं दुनियाँ में एक माँ ही है जिसे जैसा चाहे कहो फिर भी वो गाल पर प्यार से हाथ फेरेगीऔर माफ कर देगी । पिता अगर तमाचा भी मारे तो सहन कर लेना चाहिए, पिता का सख्त होना भी जरुरी है।
माता पिता को आपकी दौलत नही बल्कि आपका प्यार और वक्त चाहिए। उन्हें प्यार दीजिए
उनको थोडा सा समय दीजिए। माँ की ममता और पिता का छुपा हुआ प्यार तो अनमोल है।
जहाँ ऐसा परिवार होता है, वही राम दरबार होता है
जय जय राम जय सीताराम