ऋषिश्री सन्देशजन जागरणधर्म, संस्कार, अध्यात्मधर्म-शास्त्र-अध्यात्मवरद वाणी

शरद पूर्णिमा पर लक्ष्मी प्राप्ति साधना

आज 7 अक्टूबर 2025 – शरद पूर्णिमा (कोजागरी पूर्णिमा) — यह रात्रि चंद्रमा की पूर्ण आभा और अमृत वर्षा की रात्रि मानी जाती है।
ज्योतिषीय दृष्टि से यह रात महा-सिद्धि प्रदायक, लक्ष्मी-प्राप्ति, चंद्र शक्ति जागरण और मनोकामना सिद्धि की रात होती है।

शरद पूर्णिमा का ज्योतिषीय महत्व

इस दिन चंद्रमा मेष से मीन तक सम्पूर्ण ज्योति फैला देता है, जिससे मन, स्वास्थ्य, और सौंदर्य पर अमृतमय प्रभाव पड़ता है।

चंद्रमा भरणी नक्षत्र या किसी शुभ नक्षत्र में होकर पूर्ण कलाओं से युक्त होता है।

यह दिन विशेषतः चंद्र-उपासना, लक्ष्मी-साधना और ध्यान-साधना के लिए सर्वश्रेष्ठ है।

️ शरद पूर्णिमा की रात के प्रमुख प्रयोग

(1) लक्ष्मी प्राप्ति का प्रयोग

समय: रात्रि 10 बजे से 12 बजे के मध्य
स्थान: पूर्व दिशा की ओर मुख करके शांत चित्त बैठें।
विधि:

1. एक चाँदी या पीतल के पात्र में दूध-चावल (क्षीर) रखकर चाँदनी में रखें।

2. दीपक में घी का दीप जलाएं (5 या 9 बत्तियाँ)।

3. लक्ष्मी माता की मूर्ति या चित्र के सामने यह मंत्र जपें

> “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः॥”
108 या 1080 बार जप करें।

फल: आर्थिक स्थिरता, धन वृद्धि और दरिद्रता निवारण।

(2) चंद्र शांति एवं मानसिक शुद्धि प्रयोग

जिनकी कुंडली में चंद्र दोष, मानसिक तनाव या अनिद्रा हो
विधि:
पूर्णिमा की चाँदनी में 15–20 मिनट ध्यान करें और यह मंत्र जपें—

> “ॐ सोमाय नमः॥”
या
“ॐ चंद्राय नमः॥”

फिर उस चाँदनी युक्त दूध को ग्रहण करें — मन, तन और चित्त को शांति प्राप्त होगी।

(3) “कोजागरी लक्ष्मी साधना” (रात्रि जागरण प्रयोग)

अर्थ: “कौ-जागर्ति?” – “कौन जाग रहा है?”
मां लक्ष्मी उस घर में प्रवेश करती हैं जहाँ भक्ति, ध्यान, जप और जागरण हो रहा हो।

प्रयोग विधि:

1. रात्रि भर दीप प्रज्वलित रखें।

2. लक्ष्मी स्तोत्र, श्रीसूक्त, या “लक्ष्मी अष्टक स्तोत्र” का पाठ करें।

3. बीच-बीच में यह गान करें –

> “जय जय देवी चामुंडे, जय जय महालक्ष्मि माते॥”

फल: घर में स्थायी लक्ष्मी और सौभाग्य की स्थापना होती है।

(4) “अमृत स्नान प्रयोग” (Health & Beauty Ritual)

विधि:
रात की चाँदनी में रखा दूध या जल प्रातः स्नान से पूर्व शरीर पर लगाएँ,
फिर स्नान करें और जप करें—

> “ॐ सोमाय नमः।”

फल: शरीर में तेज, त्वचा में आभा और रोगों से रक्षा।

(5) “शरद पूर्णिमा ध्यान मन्त्र”

> “ॐ चन्द्रमसे नमः, अमृतांशोदय नमः।
शीतांशुतेजसे नमः, शान्तये नमः॥”

ध्यान के समय यह श्लोक 11 बार जपने से मन स्थिर होता है और सहज ध्यानावस्था प्राप्त होती है।

शरद पूर्णिमा का पारंपरिक भक्ति गीत (AstroSage लाइव हेतु)

> “आज चाँदनी रात है, लक्ष्मी माते का जागरण,
दीप जलाओ मन में प्रेम, मिटे तमस का आवरण।
श्रीं ह्रीं क्लीं का नाद करो, मनोकामना पूर्ण करो,
चंद्रमयी इस रजनी में, सुख-शांति का आह्वान करो॥”

विशेष सुझाव

इस रात मोबाइल बंद कर कुछ देर चंद्र दर्शन करें।

एक छोटा “श्री सूक्त” पाठ करवाएँ — यह सबसे प्रामाणिक वेदिक स्तोत्र है लक्ष्मी के लिए।

“शरद पूर्णिमा का क्षीर” अगले दिन परिवार में बाँटें — इसे अमृत प्रसाद कहा गया है।

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