घर के मंदिर में कौनसी मूर्ति शुभ और अशुभ ?
*घर के मंदिर में कौनसी मूर्ति शुभ और अशुभ ?*
वास्तु शास्त्र का हमारे जीवन में बहुत महत्व माना गया है। कहा जाता है कि अगर घर वास्तु के अनुसार बना हो तो वहां सुख-समृद्धि और खुशहाली का वास होता है। वहीं अगर वास्तु दोष हो तो जीवन में परेशानियां बढ़ सकती हैं। खासकर घर का पूजा स्थल यानी मंदिर, इसे वास्तु में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। मंदिर किस दिशा में होना चाहिए, पूजा करने वाले का मुंह किस ओर होना चाहिए और वहां कौन-सी मूर्तियां रखनी चाहिए, इन सब बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। वास्तु शास्त्र कहता है कि घर के मंदिर में कुछ मूर्तियों को रखने से बचना चाहिए। माना जाता है कि ऐसी मूर्तियों को घर में रखने से वास्तु दोष लग सकता है और नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। ऐसे में आइए जानते हैं वास्तु शास्त्र के अनुसार कौन-सी हैं ये मूर्तियां…
*मृत परिजनों की तस्वीर न रखें मंदिर में*
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के मंदिर में कभी भी मृत परिजनों की तस्वीर या मूर्ति नहीं रखनी चाहिए। ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। मृत परिजनों की पूजा केवल पितृ पक्ष में ही करनी चाहिए। रोजाना उनकी पूजा करने से परिवार में बाधाएं और मानसिक तनाव बढ़ सकता है। साथ ही मंदिर में मृत परिजन के साथ किसी साधु-संत की भी तस्वीर या मूर्ति नहीं रखनी चाहिए।
*इन देवी-देवताओं की मूर्ति न रखें*
घर के पूजा स्थल में काली मां, राहु-केतु और शनि देव की मूर्तियां नहीं रखनी चाहिए। दरअसल ये देवता उग्र माने जाते हैं और इनकी पूजा विशेष विधि-विधान के साथ करनी पड़ती है। अगर इन्हें गलत तरीके से पूजा की जाए तो जीवन में संकट और परेशानियां आ सकती हैं। इसलिए घर के मंदिर में हमेशा शांत और सौम्य स्वरूप वाली मूर्तियां ही रखनी चाहिए।
*नाचते हुए गणेश जी की मूर्ति न रखें*
वास्तु शास्त्र में भगवान गणेश जी की मूर्ति को घर में रखने के खास नियम बताए गए हैं। मंदिर में कभी भी नाचते हुए गणेश जी की मूर्ति या प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी मूर्ति नहीं रखनी चाहिए। हमेशा गणेश जी की बैठी हुई और आशीर्वाद देती मूर्ति ही शुभ मानी जाती है। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि और सौभाग्य बढ़ता है।
वस्तुतः किसी भी देवता की नाचती हुई मूर्ति या तस्वीर नहीं रखनी चाहिए। इससे घर की स्थिति डांवाडोल रहती है।
*मां लक्ष्मी की मूर्ति जरूर रखें*
घर के मंदिर में मां लक्ष्मी की मूर्ति अवश्य रखनी चाहिए। मां लक्ष्मी को धन और समृद्धि की देवी माना जाता है। जहां मां लक्ष्मी का वास होता है, वहां कभी दरिद्रता नहीं आती। इस बात का ध्यान रखें कि मां लक्ष्मी की मूर्ति हमेशा बैठी हुई अवस्था में होनी चाहिए, खड़ी हुई नहीं। साथ ही अगर आप मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति भी साथ रखते हैं, तो यह बेहद शुभ माना जाता है। इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
इष्टदेव की मूर्ति मध्य में
हर घर परिवार कुल के एक इष्टदेव होने चाहिए । वैसे तो इष्टदेव राशि के अनुसार घर के प्रत्येक सदस्य के अलग अलग होते हैं, परन्तु इष्टदेव का निर्धारण कुल की परंपरा, परिवार के गुरु द्वारा निर्धारित देवी-देवता का विग्रह और वास्तु शास्त्र जे अनुसार एक ही स्वरूप का इष्ट होना यह अनिवार्य करता है कि एक घर परिवार के ईष्टदेव एक ही हो तो घर के निवासियों में एकरूपता और सामंजस्य बना रहता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के मंदिर में इष्टदेव की मूर्ति सबके मध्य में एकदम सामने होनी चाहिए और सभी को उन्हें मंदिर का मुखिया मानकर सर्वप्रथम पूजन करना चाहिए। गणेशजी की मूर्ति उनके आगे स्थापित होनी चाहिए और उन्हें सर्वप्रथम नमस्कार करके पूजन प्रारम्भ करना चाहिए।
मंदिर किसी भी घर का शक्तिपीठ होता है और इसकी सात्विकता, सकारात्मकता और पावनता घर की सुख शांति, सुरक्षा और समृद्धि में अहम भूमिका सर्वोपरि है।