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किशोरावस्था में कामुकता

Must read a lesson for all parents

कामुकता लड़का हो या लड़की सभी के अन्दर आज कूट कूट के भरी है!!

आज के समय 15 वर्ष की लड़किया प्रेग्नेंट हो रही हैं पर उन्हें ये नहीं पता होता है कि वो किससे प्रेग्नेंट होती है??

एक महिला जो कि भारत के एक बड़े शहर में सीनियर गायनकोलॉजिस्ट है उनकी जुबानी सुनिए एक कहानी….कि आज कल क्या हो रहा है  …???

एक बार मेरे पास एक लड़की आती है जिसे पेट में हल्के दर्द था वो अभी क्लास 11 में पढ़ती थी, और और महज 15- 16 साल की थी,

मैने शुरुवाती जांच की तो मुझे शक हुआ कि हो सकता है ये प्रेग्नेंट है, लेकिन जब रिपोर्ट आई तो वो सच में प्रेग्नेंट थी!

मुझे लगा कि उसके साथ किसी ने कुछ गलत तो नहीं किया,
इसलिए मैने कम से कम 1 से 2 घंटा उसका समय लिया और काउंसलिंग की जिसमें इस बात की पुष्टि हुई कि किसी ने गलत नहीं किया है!

मैने कुछ दवा देकर उसका भरोसा जीता और बोला 2 दिन बाद फिर आओ

आज दूसरा दिन था
वो आई …

मैने पूछा – और कैसी हो ? दर्द कैसा है?
उसने कहा कि मैम दर्द ठीक है लेकिन पेट में भारीपन लगता है!

मैने बोला ” बेटा किसी के साथ कोई रिलेशनशिप में हो ? ”

उसने कहा नहीं मैम मै तो बस स्कूल जाती हूं

फिर मैने बिना समय गवाए बोला-
” देखो तुम 2-3 वीक की प्रेग्नेंट हो, तुम्हारा बच्चा स्वस्थ हैं लेकिन डरने की बात नहीं,
ये बात पूरी तरह से गोपनीय है!

अब तुम बताओ इस बच्चे को जन्म देना चाहती हो या दवा देकर इसे साफ करना चाहती हो”

उसने बिना कुछ सोचे बोलीं डॉक्टर मेरी उम्र नहीं कि मै बच्चे को पैदा करुं,
इस लिए आप इसे साफ कर दीजिए!!

मैने कहा कि अच्छा ठीक है तो जरा उसे बुलाओ जिसका ये बच्चा है, क्योंकि मेरे लिए इसके पिता के बारे में जानना और उसकी सहमति जरूरी है। बिना ये जाने मै आगे नहीं बढ़ सकती??

वो बोली कि मुझे नहीं पता कि
*किसका बच्चा है ये*

मैने कहा क्यों ऐसा कैसे हो सकता है,

तो उसका कहना था कि उसके 7+ से ज्यादा लड़कों के साथ संबंध है??

जिसे सुनकर मैं हैरान थी, मैने उससे पूछा, उसने ऐसा क्यों किया??

उसने जवाब दिया-
पहली बार तो बस ये जानने के लिए किया था कि कैसा लगता है धीरे धीरे आदत बन गई,
उसके बाद अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए अलग अलग  लड़के कुछ भी करने को तैयार रहते थे, अगर मैं अपना शरीर उन्हें सौंप दूं तो

मैने पूछा तुम्हारी ऐसी कौनसी जरूरत है, जिसे पूरा करने की जरूरत है??

जवाब था
I-phone लेना, उसका महंगा रिचार्ज, महंगे रेस्टुरेंट में जाना, पार्टी करना, ट्रिप पर जाना ये सब कैसे होगा??

मैने उसे समझाया- बेटा जिंदगी में मित्र रखो लेकिन जिसके साथ सहवास करना है वो एक ही इंसान रहे, तो तुम्हारे स्वास्थ्य और जीवन के लिए बेहतर है

उसपे उसका जवाब अजीब था ..…

मैम आज फ्रेंड विद बेनिफिट का जमाना है मतलब ऐसे दोस्त जिनके साथ हम सब कुछ कर सकते हैं
यानी शारीरिक जरूरत भी पूरी कर सकते हैं
किसी से कोई कमिटमेंट नहीं और एंजॉय पूरा

खैर मेरे पास जवाब में कुछ नहीं था,
मैने उसे सलाह दी कि ये सब मत करो और बार बार साफ करना जानलेवा है

वो वहां से गई लेकिन साल भर में ना जाने कितनी ऐसी लड़कियों आ गई जो सिर्फ ये चाहती थी कि उनके बारे में किसी को पता ना चले और ये उनकी प्रेग्नेंसी भी खत्म हो जाए

मेरा सवाल बच्चों से नहीं उनके मां बाप से..

क्या आप पैसे कमाने में इतना बिजी है कि बच्चे क्या कर रहे हैं, कहां जा रहे हैं आपको कोई मतलब नहीं या
आप को नहीं पता ??
और उनकी मांओं से भी ये सवाल – आजकल की मां मोबाइल में इतना बिज़ी है कि उन्हें होश नहीं कि उनकी बेटियां और बेटे कहां जा रहे हैं,
क्या कर रहे हैं ??

क्या कभी आपने जानने की कोशिश की – आप की बेटी जो मोबाइल इस्तेमाल कर रही है उसकी कीमत क्या है ??

अब मैं इसे पढ़ने वालो से पूछता हूं कि समाज में फैल रहे इस नासूर का जिम्मेदार कौन है ??
आज कल की फिल्म या सोशल मीडिया पे फैली गंदगी ? अथवा पाश्चात्य रंग में रंगे मतापिताओं की बेवकूफी जिसमे डूबकर वे खुद भी ऐश करते हैं और बच्चों को भी उसी दिशा में धकेल कर खुद पर मॉडर्न और प्रगतिशील होने का आडम्बर ओढ़ रहे हैं!!! अपना जवाब अवश्य दीजिए!

फुटनोट : यह गंदगी हिंदुओं के परिवारों में ही दुर्गंध मार रही है क्योंकि उनके घरों और जीवन से धर्म का पहिया खिसक चुका है।

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