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भारत की आज़ादी एक छलावा थी तथा गाँधी नेहरू फर्जी और दलाल थे

भारत की आज़ादी एक छलावा थी तथा गाँधी नेहरू फर्जी और दलाल थे

*क्या किसी के दम है इस मैसेज के सच को झूठा साबित करने का ???*

(हिन्दुओं! याद रखो अगर अंग्रेजों ने कांग्रेस को अपने एक अधिकारी ए.ओ.ह्यूम के जरिये न बनवाया होता और अंग्रेजों की सेना में नौकरी करने वाला मोहनदास करमचंद गांधी उर्फ़ महात्मा गांधी न होता तो और भारत में फर्जी कश्मीरी फर्जी संदिग्ध हिन्दुओं में जाति नेहरू खानदान न होता तो भारत देश से सभी अंग्रेज मारकर भगा दिये गये होते या सभी अंग्रेजों को मार दिये गया होता और भारत देश पूर्ण आजाद हो गया होता और भारत देश अखण्ड भारत होता और भारत का बटवारा न होता और हिन्दुओं का नरसंहार कभी न होता।)*

*सनातनी हिन्दुओं के खिलाफ खतरनाक साजिश क्यों ???*

*मोहनदास करमचंद गांधी उर्फ महात्मा गांधी कौन ???*

*आजादी के बाद तब हम हिन्दुओं को सेक्युलरिज्म और अहिंसा की गांधीगीरी सिखाई गई और मुस्लिम को मजहबी शिक्षा । अगर हमें भी हमारे ईष्ट आराध्य भगवान राम और कृष्ण तथा महापुरुष शिवाजी और राणा प्रताप तथा गुरू गोविन्द सिंह जी की तरह से जीवन जीना और समाज व धर्म के लिये लड़ना सिखाया गया होता तो हम अपनी उसी मानसिकता से सत्ता भी बनाते। इसलिए जैसी जैसी मानसिकता हिन्दुओं की बनती जा रही है वैसी वैसी सत्ता भी बदलती जा रही है।

सोचो ! कब श्री राम भगवान जी जी ने कहा कायर बनो, सोचो! कब श्री कृष्ण भगवान जी ने कहा कि कायर बनो , सोचो! कब श्री महाराणा प्रताप महराज जी ने कहा कि कायर बनो , कब श्री शिवाजी महाराज जी ने कहा कायर बनो , कब श्री गुरू गोविन्द सिंह साहेब जी ने कहा कि कायर बनो।*

*भारत के पढ़ें लिखे अनपढ़ हिन्दुओं अब तो चेतो और सच को जानकर भारत देश व सनातनी हिन्दुओं को बचाओ।*

*नेहरू कौन ???*

*नेहरू खानदान कश्मीर में कहां रहता था ???*

*अगर नेहरू खानदान कश्मीर में कहीं नहीं रहता था तो क्या नेहरू खानदान भी विदेशी घुसपैठिया था ???*

*भारत देश का और सनातनी हिन्दुओं का दुर्भाग्य कि अंग्रेजों के दबाव में अंग्रेजों की सेना में नौकरी करने वाला मोहनदास करमचंद गांधी उर्फ महात्मा गांधी अंग्रेजों की साजिश से भारत और हिंदुओं का नकली कर्ताधर्ता बना जिसने अंग्रेजों की बनाई हुई कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व किया और दो दो बार बहुमत का गला घोंटा ——*

*1)- अंग्रेजों की ही बनाई कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में जब माननीय नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जी भारी बहुमत से कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गये तब इसी मोहनदास करमचंद गांधी उर्फ महात्मा गांधी ने माननीय नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जी को इस्तीफा देने को विवश किया।*

*2)- आजाद हिन्द फौज के बचे हुये सभी सैनिकों ने देश में घुसकर क्रान्तिकारी योजना चलाना शुरू किया इससे अंग्रेज बहुत भयभीत हो गये तथा सन् 1946 ई० में जब नेवी में भारतीय सेना ने बगावत किया तब भारत में कुल एक लाख अंग्रेजों में से बचे लगभग 55000 अंग्रेज भयभीत हो गये थे मतलब भारत देश में अंग्रेज माननीय नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जी के आजाद हिन्द फौज के क्रान्तिकारी अभियान को देखकर भारत में बचे अंग्रेज बहुत ही भयभीत थे और उस समय भारत में 25 लाख भारतीय फौज जिसमें ज्यादातर सनातनी हिन्दू थे इस तरह से 25 लाख भारतीय फौज के क्रान्तिकारी बगावती तेवर सैनिकों के दबंगई को देखकर अंग्रेज लोग खौफ से भयभीत हो गये और अंग्रेजों को समय से पहले पता लग गया कि शीघ्र अखन्ड भारत को अंग्रेजों से आजादी करा लिया जायेगा इस तरह से भारत में अंग्रेजों ने समझ लिया कि अब ज्यादा दिन भारत में शासन करना मुश्किल है अंग्रेजों ने सोचा अगर ऐसे भारत को हम छोड़कर चले गये तो अखन्ड भारत अंग्रेजों के लिये और पूरे यूरोप के लिये भारत देश भविष्य में बहुत बड़ी चुनौती बन सकता है, इसीलिए तब अंग्रेजों ने अखन्ड भारत को एक घिनौनी साजिश के तहत धर्म के आधार पर हिन्दू और मुसलमान के नाम पर भारत देश का बटवारा करवाया था और अपने दलाल व मुखबिरों के बल पर भारत देश को तबाह व कंगाल करने की अंग्रेजों ने घिनौनी साजिश किया था जिससे भारत देश और खासकर बहुसंख्यक हिन्दुओं को कमजोर करने की साजिश में अंग्रेजों ने घिनौनी साजिश अपने दलालों को सत्ता हस्तांतरण करके किया था ताकि इस क्षेत्र में भारत देश और बहुसंख्यक हिन्दू समुदाय आपस में उलझा रहे और कभी युरोप और ब्रिटेन की तरफ ध्यान न दे पाये। इसलिए अंग्रेजों ने भारत की सत्ता हस्तांतरण अपने खास मुखबिर व दलाल को देने की साजिश की थी और भारत की आज़ादी एक छलावा मात्र ही थी। प्रधानमंत्री के पद का चुनाव हुआ वोट देने वाले सभी लोगों ने इस पद के लिए माननीय लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल जी को भारी बहुमत से प्रधानमंत्री बनाया था तब ब्रिटेन में अंग्रेजों की सेना में सन् 1889 ई० में शामिल अंग्रेजों के मुखबिर और अंग्रेजों के शातिर जासूस मोहनदास करमचंद गांधी उर्फ महात्मा गांधी ने दबाव बनाकर फर्जी नेहरू फर्जी कश्मीरी विदेशी घुसपैठिया शातिर जिहादी जवाहर लाल नेहरू को भारत देश का प्रथम प्रधानमन्त्री बनवा दिया जिसका दंश आज तक भारत देश और बहुसंख्यक सनातनी हिन्दू झेल रहा है।*

इनके अलावा और भी ऐसे ज्वलंत प्रश्न हैं जिनका जवाब अगर खोजोगे तो गाँधी नेहरू की सारी पोल पट्टी खुल जाएगी और साथ ही खुल जाएगी उन अंधे अज्ञानी सेक्युलर हिंदुओं की आँखें भी जो फर्जी महात्मा और नकली नेहरू खानदान के मायाजाल की चकाचौंध में दशकों और पीढ़ियों से बंद पड़ी है।

*A)- जब देश का बटवारा हिन्दू और मुसलमान के नाम पर हुआ था तो मुसलमानों का हिस्सा तो पाकिस्तान बना दिखता है परन्तु हिन्दुओं का हिस्सा वाला देश कहां है, कौनसा है ???*

*B)- देश आजाद हैं तो अंग्रेजों के बनाये गुलामी के कानून भारत की अदालतों में क्यों लागू है और सारी व्यवस्था अंग्रेजों वाली ही क्यों चलती रही???*

*C)- देश आजाद हैं तो भारत के संविधान में टोटल 256 अनुच्छेद भारतीय गवर्नमेंट एक्ट सन् 1935 ई० जिसे अंग्रेजों ने गुलाम भारत में शासन के लिये बनाया था उससे क्यों लिखे गये हैं और संविधान लिखने के लिए अंग्रेजों के ही पढ़ाये लिखाये चमचे वकील आदि ही क्यों नियुक्त हुए? और सबसे खतरनाक बात जो आज तक सभी भारतीयों से छुपाई गयी कि देश के संविधान को लिखने के लिए संविधान सभा में उन मुसलमानों को किसलिए और क्यों शामिल किया गया जिन्होंने भारत के बंटवारे का चुनाव 99% वोटों से जीतकर पाकिस्तान बनाने का फैसला किया और उसके बावजूद भी वे पाकिस्तान न जाकर भारत में ही डटे रहे और जिन्होंने संविधान सभा मे भाग लेकर मुसलमानों के संरक्षण और पक्ष तथा हिंदुओं के विरोध के अनुच्छेद जुड़वायें???* सोचिये! संविधान के नाम पर और बाबासाहेब अंबेडकर को उसका अध्यक्ष बताकर कितनी बड़ी और घिनौनी साजिश की अंग्रेजों और उसके पिट्ठू दलाल मुसलमान नेहरू ने!!!

*D)- देश का संविधान बनाते समय अंग्रेजों ने गुलाम भारत में शासन हेतु जो कानून बनाया था उसमें से 256 अनुच्छेद भारतीय गवर्नमेंट एक्ट सन् 1935 ई० से लिया गया था तथा अमेरिका से 35 अनुच्छेद तथा ब्रिटेन से 22 अनुच्छेद और आयरलैंड से 18 अनुच्छेद कनाडा से 24 अनुच्छेद तथा आस्ट्रेलिया से 16 अनुच्छेद और जर्मनी से 8 अनुच्छेद तथा साउथ अफ्रीका से 1अनुच्छेद … इस तरह से टोटल -256+124=380 अनुच्छेद विदेशी लोगों की सोच से क्यों लिया गया था ???*

*E)- भारत के संविधान में 395 अनुच्छेद में से 380 अनुच्छेद भारतीय सभ्यता और भारतीय संस्कृति के अनुरूप न होकर विदेशी सोच और केवल देश विरोधी नेताओं और देश विरोधी लोगों की हितैषी ही साबित क्यों हो रही है ???*

*F)- भारत के संविधान को बनाते समय 380 अनुच्छेद विदेशी सोच और मात्र केवल 15 अनुच्छेद भारतीय लोगों के बनाये हुये हैं तो वे भारत के बहुसंख्यक सनातनी हिन्दुओं के खिलाफ क्यों साबित हो रहे हैं ? कौन थे ये भारतीय लोग? और क्यों उन्हें एक दलित नेता बाबासाहेब अंबेडकर की अगुवाई का नाम देकर प्रचारित किया गया (जबकि संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ राजेन्द्र प्रसाद थे, न कि बाबासाहेब अंबेडकर; वे तो संकलन और सम्पादन करने वाली कमेटी के प्रधान संपादक थे जिन्होंने संविधान की कई बातों से असहमति जताई और अपनी पुस्तकों में अपना विरोध लिखा (वस्तुतः नेहरू और कांग्रेस ने अंबेडकर का नाम उनके दलित नेता होने के कारण भुनाने हेतु इस्तेमाल किया जबकि कांग्रेस ने ही उनको नेहरू का विरोध करने के कारण चुनाव में हरवाया था ? ये सभी तथ्य भारत के दलितों से छुपाए गए हैं किंतु अंबेडकर की ही पुस्तकों में इनका खुलासा किया गया है?*

*G)- धर्मनिरपेक्ष भारत देश में मुसलमानों की एकता और मजबूती के लिये मुस्लिम वक्फ बोर्ड बनाया गया और मुस्लिम वक्फ बोर्ड बनाया गया तो बताओ सनातनी हिन्दुओं की एकता और मजबूती के लिये क्या बनाया गया है ???*

*H)- जब भारत धर्मनिरपेक्ष देश है तो अल्पसंख्यक आयोग और अल्पसंख्यक मंत्रालय क्यों बनाया गया ???*
*I)- जब चर्च और मस्जिदों पर कोई टैक्स नहीं लगता है तो सनातनी हिन्दुओं के मंदिरों पर टैक्स क्यों लगता है ???*

*J)- भारत के सनातनी हिन्दुओं के पूजा स्थल में राज्य सरकारें मनमानी करती हैं तथा हिन्दुओं के पूजा स्थल पूरी तरह से राज्य सरकारों की कृपा पर क्यों रखा गया है ???*

*K)- आजाद देश में जिहादी जवाहर लाल नेहरू के बनाते कानून से ही भारत के पूजा स्थल के टैक्स का धन गरीब हिन्दुओं के शिक्षा व विकास पर न खर्च होकर ईसाई मिशनरियों और मुस्लिम मिशनरियों पर क्यों खर्च हो रहा है ???*

*L)- जैसा कि सभी कहते हो कि भारत के संविधान को डा० भीमराव रामजी आम्बेडकर जी ने बनाया था तो भारत की संसद सभा के राज सभा में भारत के इसी संविधान को के बारे में यह कहते हुये कि भारत का संविधान से किसी का भला नहीं होगा और मुझे मौका मिले तो मैं भारत का संविधान जला डालूं तो डा०भीमराव रामजी आम्बेडकर जी ने 2 सितम्बर सन् 1953 ई० को भारत के संविधान को जलाने की बात राज सभा में क्यों कही थी, सोचो, हिंदुओं और खासकर दलित हिंदुओं सोचकर देखिए???*

*M)- जवाहर लाल नेहरू ने डा०भीमराव रामजी आम्बेडकर जी के विरोध के बाद भी अनुच्छेद 370 तथा 35ए लागू करके भारत के लोगों का कश्मीर में बसने और नागरिकता पर तो रोक लगा दिया परन्तु कश्मीरियों को भारत में बसने और भारत भर में नागरिकता लेना हक बना दिया तथा जिहादी पाकिस्तानियों को भारत के कश्मीर में कश्मीरी में कश्मीरी लड़की से शादी करने पर कश्मीर सहित भारत की नागरिकता देने वाला अनुच्छेद 370 व बिना संसद में पास कराये अनुच्छेद 35ए कानून बनवा के क्या पाकिस्तान के साथ मिलकर संदिग्ध फर्जी कश्मीरी फर्जी हिन्दुओं में जाति नेहरू खानदान के जवाहर लाल नेहरू ने गजवाहिन्द के तहत जिहाद चला करके पाकिस्तान की तरह से भारत से भी बहुसंख्यक हिन्दुओं को खत्म करना की मकसद से अनुच्छेद 370 व 35ए लागू करवाया था ???*

*N)- दिल्ली पैक्ट सन्धि(समझौता) पर नई दिल्ली में भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के प्रधान मंत्री लियाकत अली खान के द्वारा 8 अप्रैल, 1950 को हस्ताक्षर किया था। जिहादी जवाहर लाल नेहरू ने भारत के बहुसंख्यकों से भारत के अल्पसंख्यकों को बचाने हेतु बड़ी चालाकी से दिल्ली पैक्ट समझौता पाकिस्तान के लियाकत अली खान को भारत बुलाकर किया था जबकि पाकिस्तान सरकार को अपने अल्पसंख्यकों हिन्दू,जैन,सिख, बौद्ध, ईसाई आदि को बचाता और संरक्षण देता तथा भारत भी इसी तरह से अपने अल्पसंख्यकों खासकर मुस्लिम लोगों को बचाता और संरक्षण देता परन्तु इसके विपरीत पाकिस्तान में अल्पसंख्यक मारे गये बताया जाता है जबकि पाकिस्तान में 28% अल्पसंख्यकों में से मात्र 1% ही अल्पसंख्यक बचे हैं (बंग्लादेश देश में 38%हिन्दू थे अब 8% ही बचे हैं और भारत में आजादी के बाद हिन्दुओं को बांटकर और हिन्दुओं को कमजोर करके भारत के भी हिन्दुओं की हत्या जारी है) जो अभी थोड़े से अल्पसंख्यक हैं वो भी रोज पाकिस्तान में प्रताड़ित हो रहे हैं इसके विपरीत भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यक ज्यादातर बढ़ रहे हैं और बंग्लादेश और पाकिस्तान व म्यांमार के मुस्लिम लोग घुसपैठ भी भारत में कर रहे हैं। सोचो जवाहर लाल नेहरू ने या किसी भी कांग्रेस के बड़े नेता ने या फर्जी गांधी खानदान ने पाकिस्तान के और बंग्लादेश के हिन्दू अल्पसंख्यकों को बचाने हेतु आवाज कभी नहीं उठाया था । हिन्दुओं और कांग्रेसी लोगों बताओ! भारत के संदिग्ध जवाहर लाल नेहरू और पाकिस्तान के लियाकत अली खान के बीच फिर ये दिल्ली पैक्ट ( जो नेहरू और लियाकत समझौता भी कहा जाता है) समझौता क्यों हुआ था ???*

*O)- जब मोहनदास करमचंद गांधी उर्फ महात्मा गांधी सन् 1888ई० में ब्रिटेन ग्रे और सन् 1889 ई० में ब्रिटेन देश की अंग्रेजों की सेना में मोहनदास करमचंद गांधी उर्फ महात्मा गांधी शामिल थे तो इस सच को भारत के लोगों से क्यों छुपाया गया ???*

*P)- क्या कांग्रेस ने प्रथम विश्व युद्ध में अंग्रेजों का साथ देने का प्रस्ताव नहीं रखा था तथा कांग्रेस और इसी हिन्दू विरोधी ऐय्याश मोहनदास करमचंद गांधी उर्फ महात्मा गांधी ने दूसरे विश्व युद्ध में भारत के नौजवानों को अंग्रेजों की सेना में शामिल होकर अंग्रेजों का साथ देने को नहीं कहा था और जब इस युद्ध में जब भारत के नौजवान शामिल होते तो अंग्रेज मजबूत होता तो भारत को क्या फायदा मिलता ?अहिंसा का पुजारी बनने वाला ये पाखंडी गाँधी खुद विश्व युद्ध में अंग्रेजों की सेना में भारतीय युवकों की भर्ती का आह्वान करने वाला हिंसा करने पर उतारू क्यों हुआ??*

*Q)- भारत में उस समय केवल एक लाख अंग्रेजों ने कांग्रेस का गठन सन् 1857 ई० जैसी क्रान्ति किसी भी कीमत पर दुबारा न होने पाये तथा भारत के बहुसंख्यक हिन्दुओं को गुमराह करने और देश की आजादी की लड़ाई लड़ रहे लोगों की मुखबिरी और जासूसी अपने कांग्रेस में नियुक्त मुखबिर और जासूसों के जरिये मुखबिरी और जासूसी करके भारत देश के क्रांतिकारियों को किसी भी तरह से मार डालने हेतु बनाया था इसतरह से कांग्रेस अंग्रेजों का ही संगठन था तभी तो बहुमत से कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर चुने ग्रे नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने को विवश किया गया और बहुमत के बाद भी लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल जी को प्रधानमंत्री नहीं बनने दिया गया था सोचो ये शातिर मोहनदास करमचंद गांधी उर्फ महात्मा गांधी और जवाहर नेहरू आजीवन कांग्रेस में ही क्यों रहे ???*

R)- केन्द्र में कांग्रेस पार्टी के मनमोहन सिंह की सरकार के समय ही भारत की रक्षा मंत्रालय से निकलने वाली पत्रिका “सैनिक समाचार में 2 जनवरी सन् 2009 ई० को 100 वर्ष पूरा उपलक्ष्य में एक स्मारिका प्रकाशित की गई थी जिसमें इतिहास के अनेक दुर्लभ तथ्यों के बीच एक हैरतअंगेज बात यह भी सामने आई कि मोहनदास करमचंद गांधी उर्फ महात्मा गांधी सन् 1888 ई० में ब्रिटेन जाकर सन् 1889 ई० में मोहनदास करमचंद गांधी उर्फ महात्मा गांधी ब्रिटेन में अंग्रेजों की सेना में शामिल हुये थे मतलब अंग्रेजों की सेना में मोहनदास करमचंद गांधी उर्फ महात्मा गांधी ब्रिटेन में नौकरी करता था और इस सच को भारत देश के हिन्दुओं से छुपाकर रखा गया मतलब मोहनदास करमचंद गांधी उर्फ महात्मा गांधी का बहुत पहले से अंग्रेजों का रिश्ता था तो क्या अंग्रेजों ने मोहनदास करमचंद गांधी उर्फ महात्मा गांधी केवल भारत में बहुसंख्यक हिन्दुओं को गुमराह करके कायर बनाने के काम पर लगाया था जिसमें वह बखूबी सफल हुआ और उसी के कारण आज हिंदुओं की स्थिति अपने ही देश भारत में दोयम दर्जे की तथा पाकिस्तान और बंगलादेश में मुर्दे जैसी हो गयी है??

हिंदुओं!  ये तो कुछ भी चौंकाने वाली बातें नहीं है!! नेहरू खानदान की असलियत जान लोगे तो पैरों तले जमीन खिसक जाएगी और मोहनदास गाँधी की असलियत जानने के बाद तो आसमान टूट पड़ेगा और अपना माथा पीटने लगोगे कि हमारे पूर्वजों को इन दोनों की वास्तविकता का ज्ञान क्यों नहीं हो सका??? उस जमाने में संचार व्यवस्था और सन्देशवाहन के साधन हम भारतीयों को सुलभ नहीं थे। आज विश्व का चप्पा चप्पा एक दूसरे से जुड़ा और संवाद करने में सक्षम है। इसलिए सच्चाई सामने आ रही है।

*नोट-इस सन्देश को बार बार जरूर शेयर करें।*

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