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दिल्ली सल्तनत ढही – अब नाम भी बदलेगा

केजरी को बहुत गुमान, घमंड, गुरूर था कि उसे कोई नहीं हरा सकता – भूल गया कि घमंड तो रावण, दुर्योधन, कंस और उद्धव का भी टूटा था, फिर वो किस खेत की मूली था?

नटवरलाल का किला ढह गया,
झाड़ू बिखर गई,
साइकिल पंचर हो गई,
पंजा कांग्रेस के मुंह पर पड़ा,
और कमल धूमधाम से खिला –

जो कल तक मोदी को चुनौती देता था कि मुझे हराने के लिए मोदी जी आपको दूसरा जन्म लेना पड़ेगा, वो आज चारों खाने चित हो गया – ठीक 40 सीट से हिसाब हुआ, “आप” की पिछले चुनाव की 62 सीट से 40 कम होकर 22 रह गई और भाजपा की 8 सीट से 40 बढ़ कर 48 हो गई –

भाजपा और “आप” की वोटों में मात्र 2.21% का अंतर है – भाजपा को वोट मिले 45.76% और क़“आप” को मिले 43.55% – लेकिन पासा इन 2.21% वोट से पलटा – दरअसल खेल हुआ “आप” को पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार 10% कम और भाजपा को करीब 8% वोट ज्यादा मिलने से – वैसे दिल्ली वाले 43% ऐसे भी हैं जिन्हें केजरीवाल की चोरबाज़ारी पसंद है –

केजरीवाल, सिसोदिया, सत्येंद्र जैन शराब घोटालेबाज समेत सौरभ भारद्वाज और सोमनाथ भारती सब दिग्गज हार गए लेकिन आतिशी और गोपाल राय सीट बचा गए -अर्थात दिल्ली में महाभारत के साथ रामायण हो गयी – धर्म रूपी पांडवों की अधर्म रूपी कौरवों पर विजय हुई – साथ ही रावण सहित कुम्भकर्ण, मेघनाद, मारीच, सुबाहु सब मारे गए, परन्तु सूर्पनखा बच गयी, सुखेन वैद्य भी बच गया क्योंकि उसने लक्ष्मण जी की मूर्च्छा तोड़ने के लिए संजीवनी जड़ी बूटी का पता बताया था। मंदोदरी भी बच गयी क्योंकि उसने युद्ध में भाग ही नहीं लिया।

एक भ्रम फैलाया जा रहा है कि मुसलमानों ने भी अबकी भाजपा को वोट दिया है और साजिद रशीदी का बयान सुनाया जा रहा है कि उसने पहली बार भाजपा को वोट दिया जिसे मैं तो मानने को तैयार नहीं हूं – जो व्यक्ति खुलेआम राम मंदिर को तोड़ने की बात करता है वह कैसे भाजपा को वोट दे सकता है – और अगर मान भी लिया जाए कि उसने भाजपा को वोट दिया तो फिर मुसलमानों से वोट क्यों नहीं डालने को कहा – 22 में 17 सीट ऐसी हैं जो केजरीवाल को केवल मुस्लिम वोट के कारण मिली है – इसलिए यह बात तो निश्चित है मुस्लिम वोट भाजपा को नहीं पड़ा और न कभी पड़ेगा –

फैज़ाबाद लोक सभा सीट जीत कर अखिलेश और कांग्रेस ने ढोल पीटा था कि हमने भाजपा को अयोध्या में हरा दिया जबकि लोक सभा सीट के अयोध्या विधानसभा क्षेत्र में भाजपा जीती थी – लेकिन अबकी बार मिल्कीपुर सीट को भाजपा ने रिकॉर्ड 61000 वोट से जीत कर कथित अयोध्या हार का बदला ले लिया –

अखिलेश को हार दिखाई दे गई थी और तभी उसने चुनाव आयोग को मृत घोषित कर उसे कफ़न भेंट कर दिया था – महाकुंभ की रोज निंदा करके मुस्लिमों को खुश करना भी अखिलेश के काम नहीं आया – मिल्कीपुर तो हारे, फिर भी अखिलेश का चाचा रामगोपाल यादव कह रहा है कि दिल्ली में भाजपा 27 साल बाद सत्ता में आई है तो 7 महीने में हट जाएगी – यानी बुढ़ापे में सही पागलपन का शिकार हो गए हैं –

कांग्रेस का दिल्ली में जीरो की हैट्रिक ऐसे लगा जैसे “पंजा” उसके मुंह पर ही पड़ा हो और अब राहुल गांधी कहेगा , दिल्ली में भी अडानी की सरकार आ गई और अब अडानी दिल्ली वालों को भी चूसेगा – लेकिन बड़े अचरज की बात है कि राहुल गांधी क्या सोच कर कुंभ स्नान के लिए जा रहा है – अब बोलो खड़गे जी – कुंभ स्नान से किसकी गरीबी दूर करेगा पप्पू पेजर और किस भूखे को खाना देगा –

केजरीवाल इतनी बड़ी हार के बाद भी आत्मनिरीक्षण नहीं करेगा कि किस बुरे कर्म का फल मिला है उसे -झूठ, फरेब, मक्कारी और घोटालों के पाप का दंड मिला, ये उसके दिमाग में नहीं आएगा – ऐसे ही कभी कांग्रेस ने आत्मनिरीक्षण नहीं किया कि क्यों 44 पर आए थे और उद्धव ने भी नहीं किया कि कईं सत्ता से बाहर हुआ और 20 सीट पर आ गया –

“आदमी को चाहिए वक्त से डर कर रहे,
कौन जाने किस घड़ी वक्त का बदले मिजाज”

भूल गया था केजरू महाभारत काल को परन्तु अपनी करतूतों से खुद ही उसे दोहरा दिया –

महाभारत के दुर्योधन की भूमिका में केजरीवाल ने आखिर में सिसोदिया को निपटाकर खुद भी निपट गया ।
अब केजरीवाल के सामने पंजाब या राज्यसभा बची है। तिहाड़ से बच गया तभी जा पायेगा।

दुर्योधन की भूमिका में उसने सबसे पहले अपने गुरू अन्ना को निबटाया, फिर…

प्रोफेसर आनन्द कुमार को निबटाया,
किरण बेदी को निबटाया,
शाज़िया इल्मी को निबटाया,
अलका लांबा को निबटाया,
प्रशांत भूषण और शांति भूषण को निबटाया,
कपिल मिश्रा को निबटाया,
आशीष खेतान को निबटाया,
मयंक गांधी को निबटाया,
आशुतोष को निबटाया,
मधु भादुड़ी को निबटाया,
अंजली दमानिया को निबटाया,
अजित झा को निबटाया,
विनोद कुमार बिन्नी को निबटाया,
कैप्टन जी आर गोपीनाथ को निबटाया,
अशोक अग्रवाल को निबटाया,
एस पी उदय कुमार को निबटाया,
एम एस धीर को निबटाया,
मौलाना काज़मी को निबटाया,
एडमिरल राम दास को निबटाया,
ताहिर हुसैन को निबटाया,
योगेंद्र यादव को निबटाया,
अश्विनी उपाध्याय को निबटाया,
कुमार विश्वास को निबटाया,
सत्येन्द्र जैन को निबटाया,
अमानुतल्लाह को भी निबटाया…….

स्वाति मालीवाल उसके शिकारों की संख्या में आखिरी कील साबित हुई ….. और अब…
खुद भी निपट गया आत्ममुग्ध बौना

बौना से याद आया – दिल्ली चुनाव परिणाम के बाद कुमार विश्वास की पहली प्रतिक्रिया, सुनने लायक थी – आप भी देखिए ये वीडियो

 

अब दिल्ली बदलने का समय आ गया है। देश की राजधानी के उदय और विकास का समय आ गया है।

यह पहली बार होगा जब 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद दिल्ली पर भी भाजपा का शासन होगा और मोदीजी स्वयं दिल्ली सरकार का मार्गदर्शन कर सकेंगे और दिल्ली विकास की राह पर सरपट दौड़ेगी।

अंत मे एक सावधानी !! दिल्ली से आपदा के टल जाने के बाद आप पार्टी में भगदड़ मचेगी और आपदा के टुकड़ों पर पलने वाले नेता कार्यकर्ता आप पार्टी छोड़ विकल्प की तलाश में दौड़ेंगे भाजपा की तरफ। लेकिन भाजपा को सावधान है कि ये आपदावाले घुसने न पाए क्योंकि दिल्ली में 43% लोग आज भी ऐसे हैं जिन्हें खेजरीवाल की चोरबाज़ारी पसंद है।

यदि उनमें से ऐसे चंद लोग भी भाजपा में आ गए तो भारतीय जनता पार्टी को चोरी, छल, कपट और भ्र्ष्टाचार का अड्डा बनाने से नहीं चूकेंगे ! इसलिए सावधान – दिल्ली ही नहीं, देश के अन्य राज्यों में अब भगदड़ मचेगी लेकिन इन चोरों, मक्कारों व मुफ्तखोरों को भूलकर भी शरण नहीं देनी है। जो दो चार नेता समय पूर्व रावण के खात्मे से पहले विभीषण बनकर पार्टी में आये आये और अब चुनावी गंगा में डुबकी लगाकर तैरकर पार हो गए, वह  उनका भाग्य था। अब आगे आपियों के भाग्य को चमकाने का ठेका भाजपा ने नहीं लेना है। उल्टे उन संपोलों से दिल्ली और पूरे देश को बचाकर रखना होगा।

तभी दिल्ली का नाम बदलकर इंद्रप्रस्थ कर सकेंगे

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