महाकुम्भ से क्या लाएं और क्या न लाएं भाग-1

*महाकुंभ जा रहे हैं तो भूलकर न लेकर आएं ये 5 चीजें, वरना नहीं मिलेगा यात्रा का पूरा फल*
महाकुम्भ में जाने सिर संगम स्नान का पुण्य हर कोई चाहता है। संगम स्नान के समय क्या क्या सावधानी रखनी चाहिए, इसका उल्लेख होपधारा के अन्य लेख में पहले ही किया जा चुका है।
इसी तरह एक सावधानी इस बात की भी रखनी चाहिए कि महाकुम्भ से क्या लाएं और क्या न लाएं। आज पहले बात करते हैं उन नकारात्मक चीजों को जो आपको महाकुम्भ से नहीं लानी है।
महाकुंभ में अगर आप भी संगम में डुबकी लगाने के लिए जा रहे हैं तो आपको कुछ बातों का विशेष ख्याल रखने की जरूरत है। क्योंकि, आपकी एक गलती के कारण आप महाकुंभ का पुण्य फल कमाने में विफल रह सकते हैं। तो आइए जानते हैं महाकुंभ से वापस आते समय कौनसी 5 चीजें आपको लेकर नहीं आनी हैं। ताकि आपको अपनी यात्रा का पूरा फल मिल सके।
*किसी से कुछ भी मुफ्त में ना लेकर आएं*
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, अगर आप किसी भी धार्मिक स्थल पर जा रहे हैं तो वहां कुछ भी चीज मुफ्त न खरीदें। चाहें आपको कोई मुफ्त में कुछ भी क्यों न दे रहा हो। आप अपने सामर्थ्य के अनुसार, कुछ न कुछ पैसे जरुर दें। यदि आप महाकुंभ में भी जा रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें की आप वहां से कुछ भी चीज फ्री में न लेकर आएं।
*किसी की हाय*
धार्मिक स्थल पर जाते समय इस बात का भी विशेष ख्याल रखना चाहिए की आप किसी का मन न दुखाएं क्योंकि, यदि आपने ऐसा किया तो आपको तीर्थ स्थल पर जाने का पुण्य प्राप्त नहीं हो पाएगा। इसलिए यदि आप भी महाकुंभ में स्नान के लिए जा रहे हैं तो कोशिश करें की किसी का दिल ल दुखाएं। अपना साथ किसी की हाय न लेकर आए।
*किसी के प्रति वैर*
धार्किम स्थल पर जाकर कोशिश करें की आपके मन में किसी के प्रति कोई वैर न हों। ऐसे ही जब भी आप संगम में डुबकी लगाएं तो कोशिश करें की आपके मन में किसी के प्रति कोई वैर भाव न हों।
*मन में क्रोध और द्वेष की भावना*
महाकुंभ में जातें समय या किसी भी धार्मिक स्थल पर जाते समय आपको कोशिश करनी है की किसी भी बात को लेकर आपको क्रोध नहीं करना है। साथ ही मन में द्वेष या बदले की भावना नहीं रखनी चाहिए। इसलिए वापस आते समय किसी के प्रति भी मन में द्वेष की भावना न लेकर आएं।
*खाने पीने की चीजें*
किसी भी धार्मिक स्थल पर जाते समय इस बात को ख्याल रखें की आप यदि कोई खाने पीने की सामग्री या कच्चा अनाज लेकर गए हैं तो उसे वहीं पर दान कर आएं। वहां से अपना ले जाया हुआ खाना वापस लेकर नहीं आना चाहिए ।
*जय महाकुंभ जय गंगे मैया*