ये है 24 कैरेट पदम् भूषण भारत की दीदी माँ साध्वी ऋतम्भरा

ये साध्वी ऋतंभरा हैं…।
बहन साध्वी ऋतंभरा..दीदी माँ
“लोक सभा बसंती चोला पहन के जिस दिन आएगी,
गली गली मेरे भारत की वृंदावन बन जाएगी!”
“काशी, मथुरा और अयोध्या ने एक साथ ललकारा है,
कहो गर्व से हम हिंदू हैं, हिंदुस्तान हमारा है !!”
आज भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया है। 26 जनवरी 2025 को
उनकी प्रसिद्द कविता जिसकी कुछ पंक्तियां ऊपर दी गयी हैं, पूरी कविता सुनकर हर हिन्दू का सीना 56 इंच से भी बड़ा हो जाता है।
उन्हीं की ओजस्वी वाणी और तेजोमयी शब्दों ने सोए हुए हिंदुओं को जाग्रत किया था जिसकी गूंज आज सर्वत्र विश्व में सुनाई दे रही है।
आज जो सनातन हिंदुत्व भारत की हर दिशा में गर्व से हुंकार भर रहा है उसके पीछे दीदी माँ की यही कविता थी जिसने युवाओं और बुजुर्गों में एक जैसा जोश भर दिया था, जिसकी शक्ति के बल पर अयोध्या में राम जन्म भूमि की मुक्ति हुई और राम लला प्राण प्रतिष्ठा का मार्ग प्रशस्त हुआ।
इस पेज को सेव करके रख लें। आगे उनकी पूरी कविता इसी पेज पर लिखी जाने वाली है।
वीडियो भी पोस्ट होगा जिसे सुनकर पुनः आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे।।
जय हिंद जय हिन्दुराष्ट्र