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हिन्दू गरीब क्यों हो रहे हैं ?

*हिंदू गरीब क्यों हो रहे है?*

(एक व्यंग्य आज की सच्चाई पर)

१) शर्मा जी ने अपने लड़के को साइंस मैथ दिलवाया..
२) ३ साल तक ३००० महीने की ट्यूशन लगवाई.
३) १२ वी में ५०००० की कोचिंग करवाई.
४) एक साल तक IIT से लेकर ITI तक के इम्तिहान दिलाने में करीब २ लाख गवाया।
५) फिर ५ लाख डोनेशन देकर एक प्राइवेट कॉलेज से लड़के को BTech करवाया.
६) ४ साल ग्रॅजुएशन में लगाने के बाद १० लाख रु खर्चा आया।
७) फिर MTech करने में लड़के ने २ साल और लगाया.
८) शर्मा जी पर ५ लाख का एडिशनल बोझ आया।
९) इंजिनिएर बनकर भी लड़के को नौकरी का आफर नही आया।
१०) एक साल की घिसाई के बाद लड़के ने ४० हज़ार का स्टार्टिंग आफर पाया।
११) शर्मा जी ने लड़के की नौकरी लगने पर मोहल्ले में लड्डू बंटवाया

१२) उधर…
शर्मा जी ने जब मकान बनवाया, तो सलीम ठेकेदार ने ३५ लाख का एस्टीमेट बताया।
निशात फेब्रिकेटर ने ४० हज़ार में गेट बनाया।
१३) आसिफ बढ़ई से ६ लाख का लकड़ी का काम करवाया।
१४) दानिश बिजलीवाले से २ लाख का बिजली फिटिंग करवाया।
१५) इस्लाम भाई से ८० हज़ार में प्लंबिंग का काम करवाया।
१६) फैज़ल से २ लाख में पेंटिंग करवाया।
१७) इरफान से ६५ हज़ार में POP करवाया।
१८) हाफिज भाई से डेढ़ लाख में मोड्यूलर किचन बनवाया।
१९) इस्माइल भाई से ३००० में मलबा हटवाया।
२०) आमिर गैराज से १५००० में गाड़ी का डेंट पेंट करवाया।
२१) उनकी बीबी ने १००० रु में मकबूल दर्ज़ी से ब्लाउज़ सिलवाया।
२२) उनकी बेटी ने जावेद हबीब से ८००० रु में बालों में केरेटिन करवाया ।

२३) अब …..
शर्मा जी का बेटा ३० लाख खर्चा करवाके, इंजीनियरिंग नौकरी से ४० हज़ार रु महीना कमाता है. वो भी तब जबकि 2 साल तक पंद्रह हजार के स्टाइपेंड पर अप्रेंटिशिप करने के बाद…

और ….

२४) सलीम भाई ने ठेकेदारी करके अपने लड़के के लिए बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन की २ दुकान खोल दी.
अब वो मैट्रिक fail डेढ़ लाख महीना कमाता है।
२५) निशात फेब्रिकेटर अपने २ भाइयों के साथ ९० हज़ार से १२०००० महीना कमाता है.
२६) आसिफ कारपेन्टरी से रोज़ के दो से ३ हज़ार रु कमाता है और एक पक्का मकान है।
२७) दानिश बिजली के काम से ७० से ८० हज़ार महीना कमाता है।
२८) इस्लाम अपने ३ plumber को ५०० रु रोज़ देकर खुद ७० हज़ार महीना कमाता है।
२९) फैज़ल साल के १० से १२ लाख रु कमाता है और गांव में १० बीघा में खेती करवाता है..
बेटा दुबई में ५० हज़ार महीना कमाकर घर में भेजता है।
३०) हाफिज भाई एक मोड्यूलर किचन से २० % मुनाफा लेता है।
३१) इस्माइल कबाड़ी के बेटे कबाड़ की दुकान पर बैठकर swift car चलाते हैं और ३ बाइक हैं।
३२) मकबूल भाई अन्य कारिगरों को ३०० रु प्रति ब्लाउज़ में सिलवा के शर्मा जी की बीबी से उसके १००० रु लेते हैं ।
३३) जावेद हबीब सैलून की मालिक साफिया ५००० रु की तनख्वाह वालों से केरेटिन करवा कर आपकी बेटी से ८००० लेती है ..
५ साल में उसने ३ सलून बना लिये.

३४) शर्मा जी अपने पैसे अपने बच्चों के लिए नही दानिश, आसिफ, इस्माइल, मकबूल और हाफिज के लिए कमा रहे हैं और उनका बेटा भी यही करेगा…!

मैं समझाता हूँ…

हिन्दुओं को आरक्षण और नौकरी के झुनझुने का लालच देकर माइंड वाश कर दिया.
१२ वीं पास हिन्दू भी नौकरी ढूँढता है.
जबकि दूसरी ओर अनपढ़ मुसलमानों ने धीरे धीरे सभी व्यवसाय पर कब्जा कर लिया है।

यही है शाश्वत सत्य!

फाइनल सन्देश : नौकरी लेने वाले नहीं, देने वाले बनो ।

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