दीपावली और दशहरे की बीच का विज्ञान
कभी सोचा है कि प्रति वर्ष दशहरे के ठीक 21 दिन बाद ही दीपावली क्यों आती है ? ??
क्या कभी आपने इस पर विचार किया है। विश्वास न हो तो कैलेंडर देख लीजिएगा।
‘रामायण’ में वाल्मिकी महाराज ने लिखा है कि प्रभु श्री राम को अपनी पूरी सेना को श्रीलंका से अयोध्या तक पैदल चलकर आने में 504 घंटे लगे।
504 घंटे को 24 घंटे से भाग दें तो उत्तर 21 आता है यानी इक्कीस दिन ।
गूगल मैप पर सर्च कीजिय,उसमें दर्शाता है कि श्रीलंका से अयोध्या की पैदल दूरी 3145 किलोमीटर और लगने वाला समय 504 घण्टे।
‘गूगल मैप ‘ आज के जमाने की चीज़ है,लेकिन हम भारतीयों का दशहरा और दीपावली त्रेतायुग से चली आ रही है, और परम्परानुसार मनाते आ रहे हैं।समय के इस गणित पर आपको विश्वास न हो रहा हो तो गूगल सर्च कर देख सकते हैं।
भगवान वाल्मिकी ऋषि ने तो रामायण की रचना श्रीराम के जन्म से पहले ही कर दी थी,उनकी भविष्यवाणी और आगे घटने वाली घटनाओं का वर्णन कितना सटीक था।
अपनी सनातन हिन्दू संस्कृति कितनी महान है, इस पर विचार करेंगे तो स्तब्ध हो जाएंगे। फिर भी, कुछ भटके हुए और अटके हुए हिन्दू विधर्मियों में भाई चारा और मोहब्बत की दुकान खोज रहे हैं। कुछ सिकुलर असुरक्षित सूली में अपना फादर ढूंढ रहे हैं तो कुछ डर के मारे अथवा चावल के बदले या हवस की भूख और हलाला के लालच में अपना सनातन धर्म छोड़कर जिहादी और देशद्रोही बनकर अपनी संतानों का जीवन बिगाड़ रहे हैं। कभी उन्हें रामायण, गीता, महाभारत और पुराणों का स्वाध्याय करवाओ तो अपने गौरवशाली अतीत का ज्ञान हो जाएगा।
मुझे तो गर्व है ऐसी महान हिन्दू संस्कृति में जन्म लेने पर।