किचन में स्त्रियों की इस एक गलती से पूरा परिवार होता है परेशान
किचन में घर की स्त्रियो की इस एक गलती से पूरा परिवार होता है परेशान, खाना बनाते समय कभी न करें ये काम
मंदिर के बाद घर की रसोई को सबसे पवित्र माना गया है. अक्सर महिलाएं यहां एक बड़ी गलती कर देती है, जिसका असर पूरे परिवार पर पड़ता है. खासकर उन घरों में जहां, रोज भगवान को भोग लगता है…
किचन में खाना बनाते समय महिलाएं कई बड़ी गलतियां करती हैं, जिसका असर परिवार की सेहत पड़ता है. कई बार तनाव में रहने के दौरान महिलाएं गुस्से में या चिड़चिड़ेपन के साथ खाना बनाने लगती हैं. कई बार खाना बनाते समय किचन में बर्तन भी तेजी से रखती-उठाती हैं, जिससे नेगेटिव साउंड होता है. वास्तु शास्त्र में इस आदत को बेहद खतरनाक बताया गया है. खासकर उन घरों में तो ऐसा बिलकुल नहीं करना चाहिए, जहां रोज लड्डू गोपाल को भोग लगता हो.
विश्वप्रथम रामशक्ति पीठ के पीठाधीश्वर और वरदानी आश्रम के संस्थापक ऋषिश्री वरदानंद जी महाराज ने बताया कि ऐसा करना काफी गलत है. महिलाओं को खाना हमेशा प्रसन्न मुद्रा में बनाना चाहिए. भूलकर भी गुस्से में भोजन नहीं बनाना चाहिए. इससे घर में राहु का प्रकोप बढ़ता है. राहु-केतु घर के सारे परिजन को परेशान करेंगे. क्योंकि, भोजन को आप अपनी ऊर्जा से बनाती हैं, अगर मानसिकता खराब हुई तो भोजन में नकारात्मकता आ जाती है.
गुस्से में खाना बनाना परेशानी को न्यौता
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि अगर महिलाएं इस गुस्से में खाना बनाती हैं तो सबसे पहले तो घर के परिजनों का स्वास्थ्य खराब होगा. इससे समय-समय पर धन की हानि होती रहेगी. धन का संचय नहीं हो पाएगा और कुछ न कुछ छोटे-मोटे स्वास्थ्य संबंधी परेशानी या काम में अड़चन आती रहेगी. आप जितना भी मेहनत कर लो, छोटी-मोटी रुकावट देखने को मिलेगी.
जैसा खावे अन्न वैसा होवे मन
यह वैसे तो आम कहावत सी लगती है परन्तु अक्षरशः सत्य है क्योंकि आपके अन्न की क्वालिटी का आपके तन और मन दोनों पर सीधा प्रभाव पड़ता है। श्रीमद भगवदगीता में स्पष्ट कहा गया हैं सात्विक, राजसिक और तामसिक भोजन करने वालों का स्वभाव भी क्रमशः सात्विक, राजसी और तामसिक ही होता है। अतएव घर की स्त्री को भोजन बनाते समय सात्विक विचार, सात्विक व्यवहार के साथ साथ अपनी सोच भी पवित्र, शांत और
इसलिए खुश रहना जरूरी
आगे बताया कि इस तरीके से जब महिलाएं खाना बनाती हैं तो उससे नकारात्मक ऊर्जा भी घर में प्रवेश करती है. जब वही खाना सारे लोग खाते हैं तो उनमें भी नकारात्मकता का प्रवेश हो जाता है. परिणामतः घर में बार बार लड़ाई-झगड़ा और कलह जैसी चीज भी देखी जाती है, इसलिए खाना बनाते समय खासतौर पर महिलाएं खुश व आनंदमय रहें.
यदि आपके घर भी अक्सर कलह क्लेश झगड़े इत्यादि होते रहते हैं और परिवार के सदस्यों की अप्रोच नकारात्मक है तो जांचिए कि कहीं आपके घर की महिलाएं भोजन बनाते समय विषादग्रस्त, विवादग्रस्त और क्रोधविकार से ग्रस्त तो नहीं रहती!
हो सकता है कि वे इसे स्वीकार ना करें तो उन्हें प्यार से समझाएं और घर की सुख शांति और परिवार की समृद्धि का हवाला दें। न माने तो किसी वास्तु विशेषज्ञ या ज्योतिषी से सम्पर्क कर इस बारे में बताकर समाधान करवाएं । उनकी बात आपके घर की स्त्रियां अवश्य सुनेंगी, आपके प्रति तो उनका रवैया नकारात्मक हो ही चुका है।
*सर्वे भवन्तु सुखिनः*