दिवाली 2025 पर भारत में 6.05 लाख करोड़ का रिकॉर्ड कारोबार

दीपावली पर कम बिके चीनी प्रोडक्ट, 87% लोगों ने खरीदा भारतीय सामान, हुआ रिकॉर्ड कारोबार, देखें आंकड़े
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यह स्वदेशी व्यापारियों की जीत है. इस बार की दिवाली ‘राष्ट्रीय गर्व और आर्थिक आत्मनिर्भरता’ का प्रतीक बन गई है.
कौन से सेक्टर रहे सबसे आगे
* किराना और FMCG: 12%
* सोना और ज्वेलरी: 10%
* इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिकल्स: 8%
* कंज्यूमर ड्यूरेबल्स: 7%L
* रेडीमेड गारमेंट्स और गिफ्ट्स: 7%
* होम डेकोर और फर्निशिंग: 10%
* मिठाई और नमकीन: 5%9
* टेक्सटाइल्स, पूजा सामग्री, फल-सूखे मेवे, बेकरी: 3-3%
* फुटवेयर: 2%
* अन्य वस्तुएं: 19%
साथ ही, सर्विस सेक्टर (जैसे पैकेजिंग, हॉस्पिटैलिटी, कैब, ट्रैवल, इवेंट मैनेजमेंट आदि) से ₹65,000 करोड़ का कारोबार हुआ, जिससे कई नए रोजगार बने.
दिवाली 2025 पर भारत में 6.05 लाख करोड़ का रिकॉर्ड कारोबार हुआ, जिसमें 87% उपभोक्ताओं ने भारतीय सामान चुना। देश में इस साल दिवाली पर जबरदस्त खरीदारी देखने को मिली
* दिवाली 2025 में कुल कारोबार ₹6.05 लाख करोड़ तक पहुंच गया
* जिसमें ₹5.40 लाख करोड़ सामानों की बिक्री और ₹65,000 करोड़ सर्विस सेक्टर से आए
* यह पिछले साल की तुलना में 25% ज्यादा है
* 72% व्यापारियों ने माना कि GST में राहत और स्थिर कीमतों ने बिक्री बढ़ाने में मदद की
“वोकल फॉर लोकल” और “स्वदेशी दिवाली” के असर से 87% लोगों ने भारतीय सामान खरीदे, जिससे बाजार में नई रौनक लौटी.
■ ₹6.05 लाख करोड़ के कुल व्यापार में रिटेल सेगमेंट का दबदबा रहा, और पारंपरिक बाजारों की वापसी देखने को मिली.
■ GST दरों में सुधार और स्व देशी वस्तुओं की बढ़ती मांग ने इस साल का फेस्टिव सीजन सबसे सफल बना दिया.
■ 87% उपभोक्ताओं ने इस बार भारतीय वस्तुएं खरीदीं, जिससे चीनी सामानों की मांग में भारी गिरावट आई.
■ भारतीय उत्पादों की बिक्री पिछले साल के मुकाबले 25% ज्यादा रही
■ दिवाली 2025 के दौरान 50 लाख अस्थायी नौकरियां बनीं — खासकर लॉजिस्टिक्स, पैकेजिंग और रिटेल सर्विसेज़ में.
■ यह दिवाली सिर्फ त्योहार नहीं, बल्कि भारत के आत्मविश्वास, परंपरा और तकनीक का संगम है. रिटेल ट्रेड सेक्टर ही ‘आत्मनिर्भर भारत’ की असली रीढ़ है.
■ ग्रामीण और अर्धशहरी भारत का हिस्सा कुल व्यापार में 28% रहा, जो अब मजबूत आर्थिक भागीदारी की ओर इशारा करता है.
■ सीएआईटी ने अपनी रिसर्च विंग के जरिए 60 प्रमुख शहरों और टियर-2, टियर-3 इलाकों में सर्वे किया। नवरात्रि से दिवाली तक का डेटा दिखाता है कि भारतीय उत्पादों की मांग में 25% उछाल आया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “वोकल फॉर लोकल” और “स्वदेशी दिवाली” अभियान ने 87% उपभोक्ताओं को घरेलू सामान चुनने के लिए प्रेरित किया। चीनी उत्पादों की डिमांड घटी, जबकि भारतीय सामान की बिक्री चमकी।
■ यह बूम सर्दियों, शादियों, और जनवरी त्योहारों तक चलेगा। सीएआईटी चेयरमैन बीसी भरतिया ने कहा, “दिवाली 2025 रिकॉर्ड तोड़ रही है—समृद्धि और राष्ट्रवाद का प्रतीक।” मोदी के नेतृत्व में रिटेल सेक्टर आत्मनिर्भर भारत की रीढ़ बन गया।
और क्या क्या लाभ हुए दीवाली पर
दिवाली ने 50 लाख अस्थायी नौकरियां पैदा कीं—लॉजिस्टिक्स, पैकेजिंग, ट्रांसपोर्ट में। ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों का 28% योगदान है, जो छोटे शहरों की आर्थिक ताकत दिखाता है। 9 करोड़ छोटे व्यवसाय और लाखों मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स ने विकास का इंजन बनाया। सीएआईटी ने सिफारिश की: जीएसटी सरलीकरण, लोन सुविधा, टियर-2 शहरों में वेयरहाउस, डिजिटल पेमेंट प्रमोशन।
अभी दीवाली खत्म मत समझ लेना। बहुत सी एडवांस बुकिंग की डिलीवरी व भुगतान अभी शेष है।
बीत गई दिवाली और कह गई कि दिवाली के बाद भी चंद दीपक जला कर रखना…..
एक दीपक आस का
एक दीपक विश्वास का
एक दीपक प्रेम का
एक दीपक शांति का
एक दीपक मुस्कुराहट का
एक दीपक अपनों के साथ का
एक दीपक स्वास्थ का
एक दीपक भाईचारे का
एक दीपक बड़ों के आशीर्वाद का
एक दीपक छोटों के दुलार का
एक दीपक निस्वार्थ सेवा का
इन ग्यारह दीपकों के साथ बिताना अगले ग्यारह महीने, मैं 11 नवम्बर 2026 को फिर से आऊँगी और फिर नए दीपक जला लेना !
एक बार पुनः पंच दिवसीय दीपपर्व की और साथ ही N शुभकामनाएं।
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